नेपाल में शनिवार को आए शक्तिशाली भूकंप के झटके अगले दो महीने तक नेपाल और उत्तर भारत को हिलाते रह सकते हैं। यह आशंका भूगर्भीय विशेषज्ञों ने जाहिर की है। विशेषज्ञों ने कहा है कि नेपाल में आए भूकंप की तीव्रता काफी अधिक थी और इसी कारण इतनी तबाही देखने मिल रही है, हालांकि आफ्टर शॉक्स कम तीव्रता वाले होंगे लेकिन ये एक से दो महीने तक समूचे प्रभावित क्षेत्र को हिलाते रह सकते हैं।
भूकंप के बाद सामान्य हैं आफ्टर शॉक्स
विशेषज्ञों का कहना है कि हर शक्तिशाली भूकंप के बाद आफ्टर शॉक्स आना बिल्कुल सामान्य बात है और इसके लिए तैयार रहना चाहिए। शनिवार को आए 7.9 की तीव्रता के भूकंप के बाद रविवार को 6.9 की तीव्रता के ऑफ्टर शॉक्स आए। एक विशेषज्ञ कहते हैं कि बड़े भूकंप के पहले कई बार छोटे भूकंप भी आते हैं लेकिन ये उतने तीव्र नहीं होते। उनका कहना है कि धरती के अंदर होने वाली हलचल इसके लिए जिम्मेदार है। उनका कहना है अब तक आफ्टर शॉक्स और फोर शॉक्स (मुख्य तीव्रता वाले भूकंप के पहले हल्के झटके) का अनुमान लगाने की कोई तकनीक किसी के भी पास नहीं है, इसलिए सतर्कता बरतना ही सबसे बेहतर उपाय है।
देश में भूकंप के चार जोन: कौन किस जोन में….
जोन नंबर संभावित तीव्रता ये क्षेत्र शामिल
5 (सबसे खतरनाक) – 9 या उससे ज्यादा – नॉर्थ-ईस्ट के राज्य, जम्मू-कश्मीर का कुछ हिस्सा, हिमाचल, उत्तराखंड, कच्छ का रण, उत्तरी बिहार और अंडमान निकोबार
4 (अपेक्षाकृत कम खतरा) – 8 के करीब – उत्तराखंड के कम ऊंचाई वाले हिस्से, हिमाचल का शेष भाग, यूपी का ज्यादातर भाग, दिल्ली, बंगाल, गुजरात, प. महाराष्ट्र, दक्षिण पश्चिम राजस्थान।
3 – 7 के करीब – केरल, गोवा, यूपी, गुजरात, बंगाल, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार का शेष भाग, ओडिशा, आंध्र, तेलंगाना, तमिलनाडू और कर्नाटक।
2 – 4 के करीब – देश का बाकी हिस्सा।
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