
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को पहचान दिलाने वाली इंदौर की बेटी अब स्मार्ट ओल्ड एज होम बनाने की कवायद में जुट गई है। स्मार्ट होम में मूलभूत संसाधन होंगे। साथ ही वे उम्र के इस पड़ाव में स्वावलंबी बन अपनी काबिलियत से जीने के लिए धनार्जन भी कर सकेंगे।
परिवार में बुजुर्ग की अहमियत और उनके लिए सुख-सुविधा जुटाने के लिए हरसंभव प्रयास करने वाली मान्वी मुकेश व्यास, यूनाईटेड नेशन की आईसीसीसी संस्था द्वारा आयोजित प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। यह संस्था विश्व के बुजुर्गों की समस्याओं पर विचार-विमर्श कर समाधान करती है। इस पर मान्वी ने भी विचार व्यक्त कर अपने आप में अनूठा प्रोजेक्ट पेश किया था, जिसमें ढलती उम्र के व्यक्तियों की हर इच्छा को एक ही घर में रखकर पूरा किया जा सकता है। प्रोजेक्ट में बताया गया, बुजुर्गों की हर वो खूबी जिन्हें वर्तमान लाइफ स्टाइल में यूथ न•ार अंदाज करते है, किसी आर्ट ऑफ लिविंग से कम नहीं होती। मान्वी ने न सिर्फ अपने प्रोजेक्ट के माध्यम से दो पीढिय़ों को पास लाने की कोशिश की है, बल्कि उम्रदराज लोगों में नई ऊर्जा का संचार लाने में मदद भी मिल सकेगी।
मान्वी का लक्ष्य इंदौर के ओल्ड एज होम में तमाम मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराना हैं, जिसमें बुजुर्गों को प्लानिंग के तहत सभी तरह की सुविधा मिल सकें। इससे वे ना सिर्फ खुद के लिए कुछ कर सकें, बल्कि उम्र के इस पड़ाव में साथी बुजुर्गों को भी जीने का नया रास्ता बता सकें। अपनी दादी का देखकर उन्होंने इस प्रोजेक्ट के बारे में विचार किया। आम ओल्ड एज होम से हटकर मान्वी इसे एम्पॉवरमेंट सेंटर ऑफ सीनियर सिटीजन के नाम से विकसित करना चाहती है।
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