
देश में शुद्ध पेयजल की जद्दोजहद में जुटे लोगों को देखते हुए आईआईएम इंदौर के केएस शिबानी शंकर राय ने देश को सौगात दी। महज 100 रुपएमें बना उनका वाटरप्यूरीफायर गरीबों कोस्वस्थ जीवन देरहा है।
भारतीय प्रबंध संस्थान इंदौर के छात्र केएस शिबानी शंकर राय ने देश की तस्वीर बदलने का बीड़ा उठाया। इंटीग्रेटेड प्रोग्राम इन मैनेजमेंट (आईपीएम) के पीजी फस्र्ट ईयर के शिबानी ने प्लास्टिक के बर्तन में रेत व मिट्टी से देसी वाटर प्यूरीफायर बनाया। महज 100 रुपए की लागत से तैयार यह प्यूरीफायर सभी मानकों पर भी खरा उतरा। नतीजा, देश के साथ विदेशों ने भी सराहना की। शहर के महज 21 वर्षीय युवा तुर्क के इस प्रोजेक्ट को कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी ने हाथों-हाथ लिया और डेढ़ करोड़ रुपए की फंडिंग कर दी।
राय ने प्लास्टिक के बर्तन में मिट्टी और रेत भरकर इसे तैयार किया है। इसमें एक नल लगा है, जिसे सेंसर से जोड़ा है। घरों में नल आते ही यह सेंसर एक्टिव होगा और घरवालों को नल आने की सूचना मिल जाएगी। पानी इसी बर्तन में साफ होगा और एक बार में 15 लोगों के लिए पीने का शुद्ध पानी मिलेगा। इस फिल्टर से तीन माह तक पानी साफ होगा। शिबानी कहते हैं, यह बाजार में मौजूद 20-25 हजार रुपए वाले आरओ-यूवी मशीन से कम नहीं है। शिबानी कहते हैं, हमारा बनाया प्यूरीफायर आम आदमी की पहुंच में रहेगा।
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