
इंदौर। रविवार को संगीतमय शाम में संगीत निर्देशिका उषा खन्नाा को हिंदी सिनेमा में दिए गए उनके उत्कृष्ट संगीत योगदान के लिए ‘मालवा संगीत सम्मान’ से नवाजा गया।
रवींद्र नाट्यगृह में हुए इस कार्यक्रम में म्यूजिकल कॉन्सर्ट भी हुई। इसमें मुंबई की गायिका तृप्ति सिन्हा को सुनकर उषा खन्नाा को कहना पड़ा कि ‘लग रहा है रिकॉर्डिंग स्टूडियो में बैठी हूं।’गीतों के अंतरों के दरमियान उषाजी ने जिस तरह अलग-अलग इंटरल्यूड यूज किया उसने उनके संगीत की ऊंचाई को बखूबी उजागर कर दिया।
उषाजी का संगीत जितना मिश्री घुला है उतना ही उनका व्यक्तित्व भी सहज और मिठास भरा है। इसकी बानगी तब मिली जब एनाउंसर सागरिका जैन के उषा खन्नाा के नाम की विधिवत घोषणा के पहले ही वे मंच पर आ गईं। उनके सुरों का जादू आज भी किस कदर सिर चढ़कर बोल रहा है इसकी तस्दीक खचाखच भरे सभागार के उन श्रोताओं ने की जो करीब डेढ़ घंटे देरी से शुरू हुए प्रोग्राम का दम साधे इंतजार रहे।
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