
इंदौर. लिफ्ट मांग-मांगकर क्या कोई दूसरे देश तक की यात्रा कर सकता है? अगर इस सवाल का जवाब हां में मिले तो आश्चर्य होना लाजिमी है, लेकिन ऐसा कर दिखाया है शहर के आकाश रानीसन ने, जिन्होंने इंदौर से भूटान तक की यात्रा लिफ्ट मांगकर और साइकिलिंग से पूरी की।
उनकी इस यात्रा के पीछे उद्देश्य था एंटरप्रीन्योरशिप को प्रमोट करना। आकाश ने अपना सफर 6 दिसंबर को शुरू किया था। इंदौर से लेकर गैंगटॉक तक 1500 किलोमीटर वे लोगों से लिफ्ट लेकर पहुंचे। फिर यहां से 750 किलोमीटर तक साइकिलिंग करके भूटान में एंट्री ली। ऐसा ही उन्होंने इंदौर लौटते वक्त किया। हाल ही में शहर लौटकर उन्होंने अपनी जर्नी से जुड़े एक्सपीरियंस शेयर किए। वे भूटान में चिम्पू, पारो, पुनाखा, भूम्टांग, हा शहरों में गए।
आकाश ने बताया, बीते दो साल में वे इंडिया के 110 शहरों का सफर साइकिल से तय कर चुके हैं। इच्छा थी कि इंडिया के अलावा दूसरे देशों का कल्चर और सिस्टम को भी समझें। इसके लिए पहला डेस्टिनेशन भूटान को चुना, क्योंकि ये सबसे नजदीकी देश है। इससे मुझे इंटरनेशनल एक्सपोजर मिला।
भूटान में सिटीजन्स को बेहतर पॉलीसी और फैसेलिटीज का लाभ मिलता है। वहां एजुकेशन फ्री में दी जाती है। यह एजुकेशन किसी भी कैटेगरी के व्यक्ति के लिए एक जैसी रहती है। यहां का एजुकेशन पैटर्न भी सबके लिए एक जैसा ही है।
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