1469 से 1500 ईस्वीं में ग्यारसुद्दीन खिलजी द्वारा मांडू में दो तालाब मुंज और कपूर के बीच में बनवाया गया जहाज महल ब्रिटिशकाल में अनदेखी के चलते खंडहर में तब्दील हो गया था। 1951 में यह एएसआई को हैंडओवर किया गया। इसकी प्राचीन पद्धति अनुसार चूना, गुड़, उड़द दाल, रेत व सुरखी का इस्तेमाल कर मरम्मत की गई। उद्यान विकसित किया।

120 मीटर लंबा महल का निर्माण सन् 1469-1500 के बीच गयासुद्दीन द्वारा अफगानिस्तान से आए आर्किटेक्ट द्वारा बनाया गया। मुंज और कपूर नाम के तालाबों से घिरा यह महल जहाज की आकृति में बनवाया गया है। इसलिए इसे जहाज महल कहा जाता है। महल में दो स्विमिंग पूल भी बने हैं, जिसमें से एक पहली मंजिल पर और दूसरा छत पर बना है। यह महल खास तौर पर महिलाओं के रहने के लिए बनवाया गया था। कहा जाता है इस महल में हजार से ज्यादा महिलाएं रहती थीं। इन स्विमिंग पूल में करीब 30 हजार लीटर पानी भरा जा सकता है। कमल की शेप में बना पूल खास तौर पर महिलाओं के लिए बनवाया गया था। जिसे कमल कुंड कहा जाता है। महल के अंदर कई बावडिय़ां भी हैं। इनमें से एक उजाला बावड़ी ऊपर से खुली हुई है। जिसे पीने के पानी के लिए यूज किया जाता था। महल के दोनों तरफ बने तलाब गर्मियों के दिनों में इमारत को ठंडा रखने के लिए बनाए गए थे। इसके दोनों तरफ एक बड़ा बगीचा भी है।
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