
‘राजूभाई पानीवाला’ के नाम से प्रसिद्ध राजकुमार सिंघानिया ठाकुर्ली रेलवे स्टेशन से हर रोज अपने गंतव्य के लिए सुबह 8.54 पर लोकल पकड़ते हैं और साथ में चलाते हैं ‘पानी का कारोबार’। अचरज तो इस बात का है कि 73 वर्ष की उम्र में जब हाथ में एक ग्लास पानी की दरकार होती है सिंघानिया अपने घर से नौ बोतल पानी लेकर आते हैं और प्यासों को बड़े ही खुशी और उदार मन से पानी पिलाते हैं। यह काम पिछले 30 वर्षों से जारी है।
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, मस्जिद बंदर के एक प्राइवेट फर्म में वे कैशियर के तौर पर कार्यरत सिंघानिया सफेद कुर्ता-पायजामा में ठंडे पानी के बोतलों को पकड़े नजर आते हैं। 2.5 लीटर की नौ बोतलों को दो बड़े बैग में रख सिंघानिया सुबह के 8.54 बजे छत्रपति शिवाजी टर्मिनस से मस्जिद बंदर की ओर लोकल से रवाना होते हैं।
ट्रेन के भीतर, यात्रियों को पानी की बोतल बढ़ाते हैं और खुद को ‘राजूभाई पानीवाला’ बताते हैं। वास्तव में सिंघानिया अपनी मर्जी से मुंबई रेलवे नेटवर्क के वाटरमैन हैं। हर रोज ‘पानी ले लो पानी’ की आवाज देते हैं। 8.54 वाली लोकल में शायद ही कोई हो जो इन्हें और इनके नेक काम को नहीं जानता हो।करीब 30 वर्ष से हफ्ते के 6 दिन सिंघानिया बिना किसी ब्रेक के इसी ट्रेन से प्यासों को पानी देते हुए अपने मंजिल तक जाते हैं। बकौल सिंघानिया पानी देने वाली उनकी पत्नी का देहांत हो जाने के कारण वर्ष 2011 में उनका यह काम कुछ समय के लिए रुक गया था, पर कुछ समय बाद फिर से उन्होंने अपना यह पुण्य काम जारी कर दिया।
सिंघानिया ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘इन दिनों काफी गर्मी हो रही है और अधिकांश जगहों पर पानी की कमी है। मैं उन लोगों को जानता हूं जो पैसे बचाने के लिए रेलवे स्टेशन तक कई किमी की दूरी पैदल तय कर आते हैं। ठाकुराली स्टेशन तक पहुंचते-पहुंचते प्यास लग जाती है। यह पानी उनके काम आता है।‘
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