
89 किमी का रनिंग ट्रेक, करीब 1,11,250 कदमों की दूरी, 12 घंटे का समय, दुनियाभर से आ रहे 20 हजार प्रतिभागी और टारगेट 10 घंटे में अंतिम छोर पर पहुंचना। अभी तक 42 किमी की मैराथन में बेहतरीन स्कोर बनाने वालों को लेकर ही शहर की पहचान बनी हुई थी लेकिन अब शहर का धावक 89 किमी की मैराथन में भी सेंट्रल इंडिया का प्रतिनिधित्व कर रहा है। साउथ अफ्रीका में होने वाली कॉमरेड मैराथन के लिए सेंट्रल इंडिया से केवल एक ही धावक को जाने का मौका मिला है और वे हैं विवेक सिंघल। उन्हें यह मौका पिछली मैराथन में दिए गए परफॉर्मेंसेस के आधार पर मिला है।
पीटरमैट्रेजबर्ग से डरबन तक की दूरी को मैराथन के जरिये पूरी करने के लिए शहर के विवेक जा रहे हैं। 29 मई को हो रही इस मैराथन के बारे में बिजनेसमैन विवेक का मानना है कि यह दौड़ केवल मेडल तक के लिए सीमित नहीं बल्कि मेरे लिए उस समर्पण और प्रतिबद्धता का सूचक भी है जो एक धावक का दौड़ के लिए होता है। 4-5 किमी की रनिंग से शुरू हुआ दौड़ का यह सिलसिला अब 100 किमी तक पहुंचाना चाहता हूं।
करीब छह वर्षों से सतत दुनिया की नामी मैराथन का हिस्सा बनते आ रहे विवेक कहते हैं कि इस बार मैराथन और भी चुनौतीभरी है। यह सुबह 5.30 बजे शुरू होगी और उस वक्त वहां का तापमान करीब 8 डिग्री होता है, लेकिन यही तापमान शाम को मैराथन खत्म होने तक करीब 32 डिग्री होगा। ऐसे में खुद की सेहत को ध्यान में रखना होगा। यह मैराथन केवल शरीर ही नहीं बल्कि मन से भी पूरी करना होगी।
89 किमी की यह मैराथन पहाड़ी क्षेत्र में होगी जिसमें धावक को ढलान पर दूरी तय करनी होगी। यह दूरी 12 घंटे के भीतर ही पूरी करनी होगी जिसके लिए विवेक ने 10 घंटे का टारगेट रखा है। ढलान वाली जगह मैराथन करने में पिंडलियों पर दबाव बढ़ता है जिससे उसकी मसल्स डैमेज होने का खतरा बढ़ जाता है। ढलान पर उतरने में बैलेंसिंग का भी बहुत ध्यान रखना होता है। इस मैराथन की प्रैक्टिस रालामंडल की पहाड़ी पर की है।
40 वर्षीय इस धावक ने खाने में शाकाहारी भोजन और नेचुरल के साथ ऑर्गेनिक फूड पर ध्यान दिया। दिनचर्या में अनुशासन लाना पड़ा। रनिंग और एक्सरसाइज की तरह मॉर्निंग हैबिट में गुनगुने पानी में नीबू, शहद और अदरक के रस को शामिल किया। योग और मेडिटेशन को भी दिनचर्या में शामिल किया।
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