
तीन महीने बाद इंदौर में ही पासपोर्ट बन सकेंगे। स्कीम-140 में आईडीए के आनंद वन में इसका कार्यालय खुलने जा रहा है। गुरुवार को विदेश मंत्रालय और आईडीए के बीच एमओयू साइन किया गया। मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव डीएम मुले ने कहा है कि पासपोर्ट बनवाने के लिए पुलिस वेरिफिकेशन की प्राथमिकता नहीं है। वोटर आईडी, आधार कार्ड से भी वेरिफिकेश मान्य होगा।
प्रदेश में 50 प्रतिशत से ज्यादा पासपोर्ट इंदौर जिले से बनते हैं। अभी तक इसके लिए लोगों को भोपाल जाना पड़ता था। गुरुवार को आईडीए कार्यालय में मंत्रालय के अफसरों को दफ्तर के लिए आवंटन-पत्र सौंपा गया। आईडीए ही कार्यालय का इंटीरियर तैयार कराएगा। इसके लिए विदेश मंत्रालय से राशि मुहैया कराई जाएगी। आईडीए अध्यक्ष शंकर लालवानी ने कहा कि इंदौर के लिए यह सौगात से कम नहीं है। प्रतिदिन 200 से ज्यादा लोगों को पासपोर्ट बनवाने के लिए भोपाल जाना पड़ता है। कई बार रुकना भी पड़ता है। समारोह में आईडीए उपाध्यक्ष हरिनारायण यादव, ललित पोरवाल, संचालक वीरेंद्र व्यास, विजय मलानी, मोहित वर्मा, सीईओ राकेश सिंह, चीफ इंजीनियर एसएस राठौर आदि मौजूद थे।
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