
एविएशन कंपनियों ने रूचि दिखाई, तो मध्य प्रदेश के 39 शहरों से छोटे विमान जल्द ही हवा में उड़ते दिखेंगे। उड्डयन मंत्रालय ने इसके लिए एविशएन कंपनियों को कई तरह के ऑफर भी दिए है। जिसके तहत एयरपोर्टों पर वह तमाम सुविधाएं मुफ्त में देने की पेशकश की है,जिनके लिए उन्हें अभी काफी पैसा खर्च करना पड़ता है।इनमें फ्यूल पर लगने वाला भारी भरकम वैट भी शामिल है। इतना ही नहीं,उड्डयन मंत्रालय ने रीजनल एयर कनेक्टीविटी को बढ़ावा देने के लिए पांच सौ करोड़ का अलग एक फंड बनाने की बात कही है।
जिसमें कंपनियों के घाटे को कम करने में मदद की दी जाएगी। उड्डयन मंत्रालय के रीजनल एयर कनेक्टीविटी प्लान के मुताबिक इसमें देश के उन सभी शहरों और क्षेत्रों को शामिल किया गया है, जो पर्यटन महत्व के है और मौजूदा समय में हवाई सेवाओं से कटे हुए है।
इनमें देश के ऐसे करीब 400 शहरों को चुना गया है। मंत्रालय ने इन सभी शहरों की लिस्ट जारी कर एविएशन कंपनियों से रूट तय करने का कहा है। मंत्रालय के प्लान के मुताबिक रीजनल एयर कनेक्टीविटी सेवा शुरू करने वाली कंपनियों को उड़ान की अनुमति लेने से पहले पचास लाख रूपए की सिक्यूरिटी जमा करानी होगी। उनके बाद ही उन्हें अनुमति मिलेगी।
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