स्वास्थ्य की दुनिया में दख़ल रखने वाले क़रीब 150 से ज़्यादा लोगों से ये सवाल पूछा गया. ऑस्ट्रेलिया में सिडनी के यूनिवर्सिटी ऑफ़ साउथ वेल्स के प्रोफ़ेसर एजे ब्राउन और रिसर्चर रूबेन मीरमान भी उन लोगों में शामिल थे जिनसे ये पूछा गया कि चर्बी आख़िर कहां चली जाती है.
इस सवाल के बहुत से जवाब मिले. कुछ तो बेहद मज़ेदार थे और कुछ बेहद चौंकाने वाले.हालांकि 98 फ़ीसदी जवाब तो ग़लत ही मिले.
ज़्यादातर लोगों ने जवाब दिया कि जो चर्बी हम घटाते हैं वो ऊर्जा में बदल जाती है. शोधकर्ताओं का कहना है कि ऐसा नहीं हो सकता क्योंकि इससे पदार्थ के संरक्षण के नियम का उल्लंघन होता है.
कुछ लोगों ने जवाब दिया कि चर्बी, मांसपेशियों में बदल जाती है. अब इस बात को मान लेना भी संभव नहीं है. वहीं कुछ लोगों ने कहा कि जो चर्बी हम घटाते हैं वो मल के रूप में हमारे शरीर से बाहर निकल जाती है.
पाचन क्रिया और वज़न घटाने को लेकर पहले से ही काफी भ्रम हैं और कुछ वैसा ही भ्रम इस बात को लेकर भी है कि जो चर्बी घटाई जाती है उसका क्या होता है.
लेकिन अब इसका जवाब दिया है प्रोफ़ेसर एंड्र्यू जे ब्राउन और रिसर्चर रूबेन मीरमान ने.
ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में उनके जवाब प्रकाशित हुए हैं जिसके अनुसार नीचे लिखी ये बातें सामने आईं.
दरअसल, चर्बी, कार्बन डाइ ऑक्साइड और पानी में तब्दील हो जाती है. कार्बन डाई ऑक्साइड को हम सांस छोड़ने के दौरान शरीर से बाहर निकाल देते हैं. रही बात पानी की तो ये विभिन्न शारीरिक क्रियाओं से होता हुआ अंत में पेशाब के रूप में बाहर निकल जाता है.
बल्कि हम जो कुछ भी खाते हैं वो कार्बन डाइ ऑक्साइड रूप में हमारे फेफड़ों से बाहर फेंक दिया जाता है. विशेषज्ञों का मानना है कि हम जो भी कार्बोहाइड्रेट और वसा लेते हैं वो कार्बन डाइ ऑक्साइड और पानी में टूट जाता है. साथ ही अल्कोहल के रूप में भी.
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