ये एक सर्विलांस सॉफ्टवेयर है जिसे इसराइल की सुरक्षा कंपनी एनएसओ ग्रुप ने बनाया है. इसके जरिए किसी व्यक्ति का फोन हैक करके उसकी गतिविधियों पर नजर रखी जा सकती है.
इसे टारगेट के फोन में इंस्टॉल किया जाता है और फिर उसके फोन का रीमोट कंट्रोल ले लिया जाता है. ये रिमोट एक्सेस ट्रोजन की तरह काम करता है.
यरूशलम स्थित द इंस्टीट्यूट फ़ॉर नेशनल सिक्यूरिटी स्टडीज़ से जुड़े साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ कर्नल गाबी सिबोनी के मुताबिक, “ये कैसे काम करता है इसके बारे में अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं है. ये एक बेहद उन्नत सॉफ्टवेयर है जिसे एनएसओ ने डेवलप किया है.”
इसे बनाने वाली कंपनी एनएसओ का गठन 2009 में हुआ था और ये अति उन्नत निगरानी टूल बनाती है. दुनिया के कई देशों की सरकारें इसकी ग्राहक हैं.
पेगासस-जासूसी मामले में जो कथित नई लिस्ट जारी की गई है उसमें उस महिला के इस्तेमाल किये गए तीन फ़ोन नंबर भी हैं जिसने अप्रैल 2019 में भारत के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था.
सुप्रीम कोर्ट की एक आंतरिक समिति ने गोगोई को क्लीन-चिट दे दी थी और उनके रिटायर होने के तुरंत बाद सरकार ने उन्हें राज्यसभा के लिए नामित किया था.
द वायर के अनुसार, इस महिला के नंबरों के साथ-साथ उनके पति और उनके दो भाइयों द्वारा इस्तेमाल किए गए आठ अन्य नंबरों को निगरानी के लिए चुना गया. द वायर के अनुसार, ये वह समय था जब पूर्व सीजेआई के ख़िलाफ़ उन्होंने आरोप लगाए थे.